अनपढ़ व्यक्ति और चश्मा :-(शिक्षाप्रद कहानियां )
अनपढ़ व्यक्ति की कहानी
अनपढ़ व्यक्ति और चश्मा : Moral Stories In Hindi
एक अनपढ़ व्यक्ति था | उसे पढना लिखना कुछ भी नही आता था | अक्सर वह लोगों को चश्में पहनकर लिखते और पढ़ते देखता था | यह देखकर वह सोचता था "यदि उसके पास भी चश्में हो तो वह भी इन लोगों की तरह लिख पढ़ सकता है "|
यह सोचकर एक दिन वह चश्में की दुकान पर गया और दुकानदार से कहा की उसे पढने के लिए उसे एक चश्मा देदो |
दुकानदार ने उसे बहुत प्रकार के चश्मे दिए और एक किताब दिया ,उस अनपढ़ व्यक्ति ने एक एक करके सभी चश्मे लगाकर देखा लेकिन वह कुछ पढ़ नही सका |
उसने दुकानदार को बताया की ये सभी चश्मे उसके लिए बेकार है | दुकानदार बड़े आश्चर्य में पड़ गया और सोचा ऐसा कैसे हो सकता है ,
तभी उसकी नजर उस किताब पर पडी जो उस अनपद व्यक्ति ने ली हुई थी ,उसने किताब उलटी पकड़ी हुई थी | तब दुकानदार ने उस व्यक्ति से कहा "शायद आप पढना नही जानते है "|
उस व्यक्ति ने उत्तर दिया" नही , मुझे पढना नही आता है इसीलिए तो मैं चश्मे खरीदने आया हूँ ,जिसे लगाकर मैं भी दूसरों की तरह लिखने पढने लगूंगा "|
जब दुकानदार को यह पता चला की वो अनपढ़ है तो उसने बहुत ही कठिनाई से अपनी हसी को काबू किया |
उसने उस व्यक्ति को समझाया "महाशय ,आप बहुत अज्ञानी हो ,चश्मा किसी को पढने या लिखने में मदद नही करता ,वो केवल आपको साफ़ दिखने में मदद करते हैं , इसीलिए आपको पहले शिक्षित होना पड़ेगा "|
Moral of this story:-
अज्ञानता ही अंधकार है (Ignorance is blindness)
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